कैसे 800 रूपये कमाने वाले शख्स ने बनाई 10 लाख करोड़ की कंपनी – Jack Ma Success Story In Hindi


Jack Ma Success Story
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यह एक ऐसे इंसान की कहानी है जिसने न जाने अपने जीवन में कितनी ही ठोकरें खाई और असफलताओं का मुँह देखा, फिर भी उसने कभी हार न मानी| जहाँ कभी वह एक टूर गाइड के रूप में सिर्फ महीने के सिर्फ 800 रूपए कमाया करता था, वहीं व्यक्ति आज 130,000 करोड़ रूपये की सम्पति के साथ  चीन की सबसे अमीर शख्शियत बन चुका है| एक रंक से राजा बनने की ये कहानी किसी और की नहीं बल्कि  ई-कॉमर्स  कंपनी ‘अलीबाबा डॉट कॉम(Alibaba.com)’ के संस्थापक जैक मा की है|

Jack Ma – Inspirational Success Story

उनका जन्म 15 अक्टूबर, 1964 को एक संगीतकार व कहानीकार के घर पर हंग्ज़्हौ, चीन, में हुआ| उनका बचपन एक ऐसे दौर से गुजरा जब चीन में साम्यवाद (कम्युनिज्म) अपने चरम पर था और वहाँ के नागरिकों का बाहरी दुनिया से लगभग कोई नाता न था| चीन की उस सांस्कृतिक क्रान्ति के दौरान, जैक मा के परिवार को कम्युनिस्ट पार्टी के विरोधी नेशनलिस्ट पार्टी का समर्थक होने के कारण काफी यातनाएँ सहनी पड़ी थीं|

कई बार फ़ैल हुए – JACK MA’s Life is Full of Failures

जैक मा (Jack Ma) को उनकी पारंपरिक शिक्षा से ज्यादा उनके जीवन की विफलताओं ने सिखाया| आपको जानकर शायद यह अचरज हो कि आज के चीन का सबसे अमीर व्यक्ति कभी पढ़ाई में बहुत ही कमजोर था| वे प्राथमिक विद्यालय की एक महत्वपूर्ण परीक्षा में 2 बार फैल हुए और माध्यमिक विद्यालय की परीक्षा में 3 बार फेल हुए|

जैक मा शुरू से ही अंग्रेजी भाषा सीखना चाहते थे| अमेरिका के राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन सन 1972 में हंग्ज़्हौ आये थे और उससे हंग्ज़्हौ के पर्यटन उद्योग को एक बहुत बड़ा प्रोत्साहन मिला| उसके बाद स्कूल के दिनों में ही जैक, एक टूर गाइड के रूप में काम करने लगे ताकि वे कुछ पैसे कमाने के साथ साथ अंग्रेजी भी सीख सकें| वो पहला मौक़ा था जब जैक, टूर गाईड के रूप में बाहरी दुनिया के लोगो के संपर्क में आये|

jack ma as tour guide story

स्कूल के बाद जैक ने कॉलेज के लिए आवेदन किया लेकिन कॉलेज की प्रवेश परीक्षा में वे 3 बार फेल हुए| उन्होंने हावर्ड विश्वविद्यालय प्रवेश के लिए 10 बार आवेदन किया था लेकिन एक बार भी वे सफल नहीं हए| पर आखिर में उन्हें हंग्ज़्हौ के टीचर इंस्टिट्यूट में दाखिला मिल गया, जहाँ से सन 1988 में उन्होंने अंग्रेजी भाषा में स्नातक किया|

शायद आपको लगे की इतनी बड़ी कंपनी के संस्थापक के लिए गणित तो बहुत ही आसान विषय होगी| पर वास्तविकता इससे कोसो दूर है| अपने कॉलेज में गणित की परीक्षा में उन्हें एक बार 120 अंकों में केवल 1 अंक प्राप्त हुआ था| खुद जैक मा के शब्दों में,

मैं गणित में अच्छा नहीं हूँ, कभी मैनेजमेंट की पढ़ाई नहीं की और अब भी एकाउंटिंग रिपोर्ट को पढ़ना नहीं जानता”

30 कंपनियों ने रिजेक्ट किया, नहीं मिली नौकरी – Jack Ma Was Rejected From 30 Jobs

कॉलेज के बाद उन्होंने करीब 30 कंपनियों में नौकरी के लिए आवेदन किया और सभी कंपनियों ने उनके आवेदन को अस्वीकार कर दिया| उनके खुद के शब्दों में –

“मैंने पुलिस की नौकरी के लिए आवेदन किया लेकिन उन्होंने मेरे आवेदन को यह कहकर अस्वीकार कर दिया मैं इस नौकरी के लायक नहीं हूँ|”

“जब हमारे शहर में KFC कम्पनी ने अपना स्टोर खोला, तो मैंने KFC में जॉब के लिए आवेदन किया| कुल 24 लोगों ने KFC में जॉब के लिए आवेदन किया था जिसमें से 23 लोगों का आवेदन स्वीकार हो गया, सिवाय मेरे|”

आखिरकार उन्हे 800 रुपये प्रति माह पर एक शिक्षक की नौकरी मिली, जहाँ वे विद्यार्थियों के बीच काफी मशहूर हुए| बाद में जब उन्होंने एक अनुवादक (ट्रांसलेटर) के रूप में कार्य करना शुरू किया तब एक बार उन्हें अमेरिका जाने का मौका मिला| वहीं पहली बार सन 1995 में वे इन्टरनेट की दुनिया से रुबरु हुए|

इन्टरनेट की दुनिया में पहला कदम – When Jack Ma First Discovered The Internet

इन्टरनेट को जानने के बाद सबसे पहले उन्होंने चीन के बियर की जानकारी देने वाली एक नई वेबसाइट बनाई, जिसका नाम उन्होंने ‘चाईनापेज’ रखा। बेहतर निवेश के लिए उन्होंने एक सरकारी निकाय के साथ साझेदारी की। पर सरकारी नौकरशाही ने धीरे-धीरे उनके इस सपने और परियोजना का दम घोंटना शुरु कर दिया, जिसके कारण अंतत: उन्हे उस सरकारी निकाय से अलग होना ही पड़ा| इससे उन्हें एक बहुत बड़ा सबक मिला, जिसके बारे में वो कहते हैं कि

“सरकार से प्यार करें, पर शादी कभी नहीं”

आखिरकार निवेश की कमी जैसे कई कारणों से उनकी यह परियोजना सफल न हो सकी|

अलीबाबा की शुरुआत और सफलता – Success Story of Alibaba

“चाइनापेज” की असफलता के बाद उन्होंने एक बिल्कुल ही नए विचार पर काम करने की सोची और वह विचार था – एक ऐसे वेबसाइट की स्थापना करना जो अलग-अलग व्यवसायों के बाजारों के लिए एक ख़ास पोर्टल प्रदान करे और जहाँ दुनिया के विभिन्न जगहों के निर्यातक अपने उत्पादों की एक विस्तृत सूची पेश कर सकें| जैक मा ने इस वेबसाइट का नाम “अलीबाबा” रखा|

पहले-पहले अलीबाबा में निवेश के लिए जैक मा ने सिलिकॉन वैली की ओर रुख किया, जहाँ उन्हें सिर्फ निराशा ही हाथ लगी| यहां तक की सिलिकॉन वैली में कईयों ने तो उनकी इस परियोजना को एक असफल और घाटेवाला बिज़नस मॉडल करार दिया|

पर उन्होंने अपने इस सपने को टूटने नहीं दिया और जल्दी ही वो वक्त भी आया जब दो बड़ी कंपनियों – गोल्डमैन सैक्स और सॉफ्टबैंक, ने अलीबाबा डॉट कॉम में कुल 25 मिलियन डॉलर का निवेश किया|

इतने पर भी अलीबाबा से कोई लाभ न होता देख जैक मा और उनकी टीम ने 2003 में ‘ताओबाओ डॉट कॉम’ नाम से एक ऑक्शन वेबसाइट (नीलामी की वेबसाइट) बनाई, जिस पर सामानों की नीलामी निःशुल्क थी| इस वेबसाइट का निर्माण सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी ईबे (eBay) को पछाड़ने के लिए किया गया था, जिसका पहले से ही चीन के नीलामी बाजार के बड़े हिस्से पर प्रभुत्व था| ताओबाओ पर निःशुल्क सेवा प्रदान करने की वजह से अलीबाबा पर बहुत अधिक आर्थिक दबाव बनने लगा। इस दबाव को कम करने के लिए मा और उसकी टीम कई अतिरिक्त वैल्यू-एडेड सेवाएँ उपलब्ध कराने लगी, जैसे कस्टम वेबपेजेज| पाँच वर्षों में ही ईबे को चीन के बाजार से अपने कदम पीछे खीचने पड़े|

खुद से कहीं ज्यादा बड़े प्रतिद्वंदी से भिड़ने में तो जैसे “जैक मा” को एक अलग ही आनंद प्राप्त होता था| ईबे से अपनी इस लड़ाई के बारे में जैक मा कहते हैं,

अगर ईबे (e Bay)समंदर का शार्क है, तो हम (अलीबाबा और ताओबाओ) यांग्त्ज़ी नदी के मगरमच्छ हैं”

Jack Ma Success Story
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इसके बाद इस कंपनी ने कई उतार-चढ़ाव देखा| एक समय तो ऐसा भी आया जब यह कंपनी दिवालिया बनने से केवल 18 महीने ही दूर थी| पर जैक मा के दृढ़संकल्प, दूरदर्शिता और बेमिशाल नेतृत्व की बदौलत अलीबाबा.कॉम (Alibaba) न सिर्फ उस संकट से उबर पाई, बल्कि बहुत ही जल्द सफलता के नए शिखर पर पहुँच गयी| 2013 में 10 लाख करोड़ रूपये के आईपीओ साथ यूएस मार्किट में सबसे बड़ी आईपीओ वाली कंपनी बनकर उभरी है| खुद जैक मा की संपत्ति 23 बिलियन डॉलर से भी अधिक आँकी गई है|

इस सफलता का कारण खुद जैक मा की काबिलियत और कभी न हार मानने की जिद थी, जिसे खुद उन्हीं के उन शब्दो से समझा जा सकता है जिसका इस्तेमाल उन्होंने अपनी टीम को प्रोत्साहित करने के लिए किया था,

हम सफल हो कर रहेंगे क्योंकि हम कभी भी हार नहीं मानते”


अभिषेक राजस्थान से हैं और वे हैप्पीहिंदी.कॉम पर बिज़नेस, इन्वेस्टमेंट और पर्सनल फाइनेंस के विषयों पर पिछले 4 वर्षों से लिख रहे हैं| उनसे [email protected] पर संपर्क किया जा सकता हैं|

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