गगनयान मिशन – 10 हज़ार करोड़ रुपियों के बजट की मंजूरी
कैबिनेट ने गगनयान प्रोग्राम को हरी जंडी देते हुए 10 हज़ार करोड़ रुपये के बजट को तय किया है| हिंदुस्तान के इस बड़े प्रोजेक्ट मिशन का एलान स्वतंत्रता दिवस पर देश के वर्तमान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किया गया था| उन्होंने भारत की आज़ादी के 75 साल पूर्ण होने से पहले यानी वर्ष 2022 से पहले इस मिशन को पूर्ण करने का अनुसंधान किया था|
अगर भारत इस कार्य को सफलता पूर्वक संपन्न कर लेता है तो यह उपलब्धि पाने वाला विश्व का चौथा देश बनेगा| पूर्व काल में (वर्ष 1984 में) एक भारतीय वैज्ञानिक स्पेस में जा चुके हैं लेकिन वह अभियान पड़ौसी मुल्क रूस द्वारा किया गया था|
इसरो गगनयान मिशन के लिए आंध्रप्रदेश स्टेट के श्रीहरिकोटा स्पेस पार्ट पर अपना सबसे बड़ा जीइसएलवी मार्क 3 स्थापित करना चाहती है| इस संस्था के चेयरमेन से बातचीत के दौरान खुलासा हुआ है की गगनयान का डिज़ाइन तैयार है और अब संस्था अपनी क्षमता के आंकलन को जांच कर रही है| उन्होंने साथ में यह भी कहा है की गगनयान की महत्तम प्रणाली को अधिक से अधिक स्वदेशी टच दिया जायेगा|
गगनयान मिशन की जानकारी –
सूत्रों हवाले से मिली खबर अनुसार केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया है की इस मिशन पर भारत के तीन कुशल एस्ट्रोनॉट जायेंगे और अंतरिक्ष में कुल सात दिन तक रहेंगे| भारत के पहले गगनयान मानव मिशन पर पुरे विश्व की निगाहें होंगी| अगले 40 महीनों में भारत की अंतरिक्ष संस्था दो मानव रहित यान अंतरिक्ष में भेजने के उपरांत मानव यान भेजने के लिए तैयार है| इस मिशन पर जाने वाले तीनों अंतरिक्ष यात्रिओं (एस्ट्रोनॉट) को व्योमनोट्स का उपनाम दिया गया है| संस्कृत शब्दावली से लिए गए व्योम शब्द का अर्थ अंतरिक्ष होता है|
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