SIP क्या है और इसमें निवेश कैसे करे? SIP Investment Guide 2024)


SIP in Hindi

भारतीय समाज का एक बड़ा हिस्सा मध्यम वर्गीय लोगों से मिलकर बना है – समाज का यह हिस्सा अपनी आय का एक बड़ा भाग Saving के रूप में रखता है जिससे भविष्य की सुरक्षा हो सके|

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यह Saving  जरूरत के अनुसार Short Term या Long Term हो सकती है। कुछ लोग बैंक में अपनी Saving करते हैं तो जो लोग Risk उठा सकते हैं वो शेयर मार्केट में भी Investment करने से पीछे नहीं हटते हैं।

Saving करना तब तक अधूरा हैं जब तक कि उस पैसे को सही जगह पर निवेश ना कर दिया जाए| सही जगह Invest किया गया पैसा समय के साथ बढ़ता जाता हैं और आपके भविष्य को सुरक्षित रखता हैं|

अधिकतर लोग इस बात से अंजान होते हैं कि मार्केट में ऐसा क्या हैं जहां वो अपनी मेहनत की कमाई को सुरक्षित रूप से Invest कर सकें|

वर्तमान समय में SIP एक ऐसा तरीका है जो आपके Invest की हुई राशि पर अच्छा Return दे सकता हैं। आइये इस स्कीम के बारे में थोड़ा और जानते हैं।

Contents

SIP क्या हैं?

SIP का मतलब Systematic Investment Plan यानी व्यवस्थित निवेश योजना है -यह Mutual Funds में Systematic या व्यवस्थित रूप से Invest करने का एक तरीका हैं|

Investment प्लान के अंतर्गत आप निरंतर रूप हर महीने एक Fixed Installment म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करते है| सरल शब्दों में कहें तो यह बैंक में जमा होने वाली Recurring Deposit Scheme की भांति होती है|

इसके अंतर्गत आप अपनी मनपसंद कंपनी के Mutual Fund में एक निश्चित राशि को रेगुलर Interval  पर जमा करते हैं।

SIP Investment में आपके Bank Account को Mutual Fund की SIP Scheme से लिंक कर दिया जाता हैं और हर महीने की निश्चित तारीख को वह पैसा आपके Bank Account से SIP Scheme में Transfer हो जाता हैं|

इस तरह यह Invest करने का Authomated तरीका हैं ताकि आपकी Invest करने की आदत बन जाए और आपको इसके बारे में बार बार सोचना ना पड़े|

जैसे अगर आप SBI की SIP Scheme में Rs.2000 रूपये से निवेश करते हैं तो हर महीने आपके Bank Account से Rs. 2000 रूपये Deduct हो जायेंगे और SBI Mutual Fund में Invest कर दिए जाएंगे|

SIP Investment म्यूच्यूअल फंड्स में Invest करने का ही एक तरीका हैं| आप म्यूच्यूअल फण्ड में या तो Lump Sum तरीके से निवेश कर सकते हैं या SIP के जरिये|

Lump Sum निवेश में आपको कब निवेश करना हैं, कितना निवेश करना हैं और किस म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करना हैं यह निर्णय लेना पड़ता हैं और इस सम्बन्ध में मार्केट परिस्थितियों का भी ध्यान रखना होता हैं|

जबकि SIP में आप निरंतर रूप से एक निश्चित राशि निवेश करते जाते हैं जिससे लॉन्ग टर्म में आपकी Risk कम हो जाती हैं|

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1 SIP में निवेश के फायदे क्या हैं?

1. छोटी राशि का निवेश:

मध्यम वर्गीय परिवार में बचत करने के लिए छोटी राशि का निकालना सरल होता है। SIP का निवेश छोटे अमाउंट से ही शुरू होता है|

नियमित अंतराल पर निकली जाने वाली छोटी राशि, लंबे समय तक निवेश करने पर अच्छा Return देती है। SIP में आप 500 रूपये प्रति माह से निवेश करना शुरू कर सकते हैं, जो लॉन्ग टर्म में आपको कम जोखिम के साथ अच्छा रिटर्न दे सकती हैं|

2. बचत का सरल तरीका:

SIP के माध्यम से बचत करना बहुत सरल उपाय है|

जब आप इसमें Invest करते हैं तो हर महीने एक निश्चित तिथि Mutual Fund आपके संबन्धित बैंक खाते से निर्धारित राशि को निकालकर SIP प्लान में जमा कर देता है|

इस प्रकार आप सरलता से बिना किसी परेशानी के अपना निवेश कर सकते हैं।

3. SIP से पैसे Withdraw करना:

ज्यादात्तर SIP स्कीम में कोई Lock in Period नहीं होता है। Investor अपनी जरूरत और लक्ष्य के अनुसार SIP में निवेश को जारी रखने या बंद करने का निर्णय लेते हैं|

इससे Investor को अच्छे Return के साथ साथ Advanced Liquidity सुविधा मिलती है|

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4. Power of Compounding

Compouding का अर्थ हैं ब्याज पर ब्याज मिलना| जब SIP में निवेश किया जाता हैं तो जो भी Return मिलता जाता हैं – उसे वापस Re-Invest कर दिया जाता हैं जिससे Investor के Returns बढ़ जाते हैं|

5. Rupee-Cost Averaging :

SIP में Invest करने से आप बाजार के उतार चढ़ाव से मुक्त हो जाते हैं। SIP से हर महीने या निश्चित अंतराल में निवेश होता जाता हैं, जब मार्केट मंदा होता हैं तो आपको Mutual Fund की ज्यादा Units खरीदते हैं वही तेजी होने पर आपको कम Units मिलती हैं|

इस प्रकार Long Term में आपके Mutual Fund Units की औसत कीमत पर मार्केट के उत्तार-चढ़ाव का प्रभाव नहीं पड़ता। इस स्कीम में निवेश करने से आप Long Term में आपकी Investment  पर आपकी Risk कम हो जाती हैं और आपको अच्छा return मिलता हैं|

6. व्यवस्थित निवेश:

SIP के निवेश में आपके Account से छोटी राशि को नियमित रूप से निकाल कर Invest किया जाता है। इससे आपकी Investment प्रक्रिया में एकअनुशासन और व्यवस्था बनी रहती है।

7. कम जोखिम :

SIP का Investment कम होता है। इसका सबसे मुख्य कारण यह है की आप Lumpsum राशि को Invest न करके बल्कि छोटी-छोटी राशि में Invest करने से लम्बी अवधि में Risk घट जाती हैं|

8. कर में छूट :

जब आप SIP में Invest करते हैं तो राशि के निवेश करने या Invested Amount के निकालने पर किसी प्रकार का टैक्स नहीं लगता है|

लेकिन इस Investment पर जो Capital Gain होता है वो Investment के शुरुआती समय के आधार पर निकाला जाता है।

2 SIP का रिस्क और रिटर्न

SIP एक प्रकार से Mutual Fund Investment ही हैं और म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश पर प्राप्त होने वाला “Return” और “Risk” स्कीम के उद्देश्य, मार्केटऔर विभिन्न परिस्थितियों पर निर्भर करता हैं|

Example: उदाहरण के लिए आप Equity Scheme चुनते हैं और हर महीने उसमें 500 रूपये निवेश करना शुरू करते हैं|

अब हर महीने आपके बैंक अकाउंट से 500 रूपये कटते रहेंगे और इसके बदले आपको उस समय के बाजार मूल्य के SBI Equity Scheme की Units मिलती रहेगी|

आपका पैसा Mutual Fund के पास पहुँच जाता हैं और Mutual Fund के फण्ड मैनेजर अपने अनुभव और योजना के उद्देश्य के आधार इस पैसे को Equity Market में निवेश कर देंगे|

इस तरह से आपने अप्रत्यक्ष रूप से Equity Market में पैसा निवेश कर दिया हैं और इसका Risk और Return दोनों Equity Market की परिस्थितियों और Funds Manager के निर्णयों पर निभर करेंगे|

3 SIP कैसे काम करती है?

SIP में निवेश करने से पहले उसकी प्रोसैस को समझना जरूरी है, इसको इस प्रकार से समझा जा सकता है –

Step – Choose Righ Mutual Fund

मार्केट में बहुत सारे Mutual Funds और उनकी SIP स्कीम उपलब्ध हैं|

किसी भी निवेश में Risk और Return दो महत्वपूर्ण बातें होती हैं और सबसे Best Investment वो होता हैं जहाँ पर कम Risk में अधिक Return मिले|

अलग अलग म्यूच्यूअल फंड्स की निवेश उद्देश्यों के अनुसार अलग-अलग स्कीम होती हैं और प्रत्येक Mutual Fund अपने अपने तरीके से निवेश करते हैं|

इसलिए आपको सबसे पहले अपने उद्देश्य को निर्धारित करना होगा कि आप किसलिए निवेश कर रहे हैं और कितने समय के लिए निवेश कर रहे हैं|

उसके बाद बाजार में मौजूद विभिन्न Mutual Fund Schemes में से सही स्कीम को चुनना होगा|

Step II – SIP Account & KYC

आप अगर इस स्कीम में निवेश करना चाहते हैं तो आपको एक SIP Investment Account खोलना होगा – इसके लिए आपको Basic KYC Documents जमा करवाने होंगे|

Step III – Planning

जब आपका SIP Account  खुल जाता है तो आपको उस राशि का निर्धारण करना होगा जिसका आपको Investment करना है। इसी के साथ कितने टाइम पीरियड में आपको यह राशि Invest करनी है इसका भी निर्धारण करना होगा।

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अभिषेक राजस्थान से हैं और वे हैप्पीहिंदी.कॉम पर बिज़नेस, इन्वेस्टमेंट और पर्सनल फाइनेंस के विषयों पर पिछले 4 वर्षों से लिख रहे हैं| उनसे [email protected] पर संपर्क किया जा सकता हैं|

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