Happiness – Inspirational Moral Story in Hindi – प्रेरक कहानी


motivational short story

“Happiness”

Motivational Moral Story in Hindi

एक शहर में एक धनवान व्यक्ति रहता था| वह बहुत बड़ा व्यवसायी था और उसके पास किसी भी वस्तु की कमी नहीं थी लेकिन फिर भी वह हमेशा चिंतित और बेचैन रहता था| एक दिन वह एक गाँव में ऋषि से मिलने उनके आश्रम गया|

उस व्यक्ति ने अपनी समस्या ऋषि को बताई कि उसके पास किसी भी वस्तु की कोई कमी नहीं है लेकिन फिर भी वह हमेशा चिंतित रहता है|

ऋषि ने उसकी समस्या सुनकर कहा – तुम कल आना मैं तुम्हे खुश और चिंतामुक्त रहने का तरीका बताऊंगा|

वह व्यक्ति दूसरे दिन उसी समय ऋषि के आश्रम पहुँच गया | उसने देखा कि ऋषि अपने आश्रम के बाहर कुछ ढूंढ रहे थे|

उस व्यक्ति ने कहा – गुरुवर आप क्या ढूंढ रहे है? क्या मैं आपकी मदद कर सकता हूँ!

ऋषि ने कहा – मैं अपनी अंगूठी ढूंढ रहा हूँ, जो खो गयी है|

यह सुनकर वह व्यक्ति भी ऋषि के साथ उनकी अंगूठी ढूँढने में लग गया| काफी देर तक खोजने के बाद भी अंगूठी नहीं मिली तो उस व्यक्ति ने ऋषि से पूछा – आपकी अंगूठी कहा पर गिरी थी?

ऋषि ने कहा – मेरी अंगूठी आश्रम की कुटिया में गिरी थी लेकिन वहां काफी अँधेरा है इसलिए मैं अंगूठी यह पर आश्रम के बाहर ढूंढ रहा हूँ|

व्यक्ति ने आश्चर्य से पूछा – जब आपकी अंगूठी कुटिया में गिरी थी तो आप यहाँ बाहर क्यों ढूंढ रहें है ???

गुरु ने कहा – यही तुम्हारी समस्या का हल है| ख़ुशी तुम्हारे अन्दर है, लेकिन तुम उसे पैसे और बाहरी वस्तुओं में ढूंढ रहे हो| पूरा का पूरा समुन्द्र तुम्हारे अन्दर है लेकिन फिर भी तुम चम्मच लेकर बाहर पानी ढूंढ रहे हो| पैसा या सम्पति का जीवन में महत्त्व है लेकिन केवल पैसे से खुशियाँ नहीं खरीदी जा सकती |

नया मकान, गाड़ी और ढेर सारी सम्पति रेगिस्तान में उस मृग मरीचिका (रेगिस्तान में तेज धूप के कारण दिखाई देने वाला भ्रामक दृश्य) की तरह है जो तुम्हे थोड़े समय के लिए खुश कर देती है लेकिन फिर भी तुम प्यासे ही रहते हो|

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जब दोपहर में रेगिस्तान में दूर से देखते है तो लगता है कि कुछ दूरी पर बहुत बड़ा पानी का तालाब है और हम खुश हो जाते है| हम उस तालाब की और भागते है और जैसे जैसे हम उस तालाब की और आगे बढ़ते है वैसे वैसे वह तालाब आगे खिसकता जाता है| अंत में जाकर हमें पता लगता है कि वह तो रेगिस्तान में धूप के कारण बनी मृग मरीचिका थी जो एक आँखों का धोखा था|

Moral of The Story

पैसे से मकान ख़रीदा जा सकता है, लेकिन घर नहीं|

पैसे से आरामदायक बिस्तर ख़रीदा जा सकता है, लेकिन नींद नहीं|

पैसे से पुस्तक ख़रीदी जा सकती है, लेकिन ज्ञान नहीं|

पैसे से दवाईयां ख़रीदी जा सकती है, लेकिन अच्छी सेहत नहीं|

पैसे से अच्छा पद पाया जा सकता है, लेकिन सम्मान नहीं|

पैसे से खून ख़रीदा जा सकता है, लेकिन जिंदगी नहीं|

पैसे से घड़ी ख़रीदी जा सकती है, लेकिन समय नहीं||


अभिषेक राजस्थान से हैं और वे हैप्पीहिंदी.कॉम पर बिज़नेस, इन्वेस्टमेंट और पर्सनल फाइनेंस के विषयों पर पिछले 4 वर्षों से लिख रहे हैं| उनसे [email protected] पर संपर्क किया जा सकता हैं|

7 Comments

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  1. आपका यह ज्ञान अनमोल है। इसे हम अपने जीवनकाल में उतार ले तो यह वचन कवच बनकर हमारी पुरी जींदगी साथ देगी।परमात्मा को पाने में हमारी मदत करगा।

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