आयुर्वेद : Ayurveda
आयुर्वेद हमारे ऋषि मुनियों द्वारा दिया गया अनमोल उपहार है जिसकी उपयोगिता का वर्णन शब्दों द्वारा नहीं किया जा सकता| आयुर्वेद का इतिहास हजारों वर्ष पुराना है और आज भी यह सर्वश्रेष्ठ है| विदेशी वैज्ञानिक आयुर्वेद के सिद्धांतों का अध्ययन करके आश्चर्यचकित हो जाते है|
आयुर्वेद क्या है? – What is Ayurveda
आयुर्वेद शब्द दो शब्दों आयुष्+वेद से मिलकर बना है जिसका अर्थ है ”जीवन विज्ञान’ – “Science of Life”‘। आयुर्वेद (Ayurveda) केवल रोगों की चिकित्सा तक ही सिमित नहीं है अपितु यह जीवन मूल्यों, स्वास्थ्य एंव जीवन जीने का सम्पूर्ण ज्ञान प्रदान करता है|
आयुर्वेद का इतिहास – History of Ayurveda
पुरातत्ववेत्ताओं के अनुसार संसार की प्राचीनतम पुस्तक ऋग्वेद है । विभिन्न विद्वानों ने इसका निर्माण काल ईसा के 3 हजार से 50 हजार वर्ष पूर्व तक का माना है । इस संहिता में भी आयुर्वेद के अति महत्त्वपूर्ण सिद्धान्तों का वर्णन है । अनेक ऐसे विषयों का उल्लेख है जिसके संबंध में आज के वैज्ञानिक भी सफल नहीं हो पाये है ।
इससे आयुर्वेद की प्राचीनता सिद्ध होती है । अतः हम कह सकते हैं कि आयुर्वेद की रचना सृष्टि की उत्पत्ति के आस पास हुई है।
क्यों सर्वश्रेष्ठ है आयुर्वेद? Why Ayurveda is Best
आयुर्वेद ( Ayurveda ), हमारे ऋषि मुनियों की हजारों वर्षो की मेहनत एंव अनुभव का नतीजा है| आयुर्वेद केवल रोगों की चिकित्सा तक ही सिमित नहीं है अपितु यह जीवन मूल्यों, स्वास्थ्य एंव जीवन जीने का सम्पूर्ण ज्ञान प्रदान करता है|
आयुर्वेद (Ayurveda) के अनुसार शरीर में मूल तीन- तत्त्व वात, पित्त, कफ (त्रिधातु) हैं। अगर इनमें संतुलन रहे, तो कोई बीमारी आप तक नहीं आ सकती। जब इनका संतुलन बिगड़ता है, तो ही कोई बीमारी शरीर पर हावी होती है।
एलोपैथिक या होमियोपैथिक चिकित्सा में तुरन्त आराम तो मिलता है, परन्तु यह निश्चित नहीं कि रोग जड़ से खत्म हो जायेगा लेकिन आयुर्वेद चिकित्सा रोग के मूल कारण पर केन्द्रित है इसलिए रोग जड़ से समाप्त हो जाता है और उसकी पुन: उत्पति नहीं होती|
आयुर्वेद में चिकित्सा करते हुए केवल रोग के लक्षणों को ही नहीं देखा जाता बल्कि इसके साथ साथ रोगी के मन, शारीरिक प्रकृति एंव अन्य दोषों की प्रकृति को भी ध्यान में रखा जाता है| यही कारण है कि एक ही रोग होने पर भी अलग अलग रोगियों की चिकित्सा एंव औषधियों में भिन्नता पाई जाती है|
आयुर्वेद के अनुसार कोई भी रोग केवल शारीरिक अथवा केवल मानसिक नहीं हो सकता| शारीरिक रोगों का प्रभाव मन पर पड़ता है एंव मानसिक रोगों का प्रभाव शरीर पर पड़ता है| इसीलिए सभी रोगों को मनो-दैहिक मानते हुए चिकित्सा की जाती है|
इसमें किसी भी प्रकार के रासायनिक पदार्थों का प्रयोग नहीं किया जाता इसलिए इन औषधियों का हमारे शरीर पर किसी भी प्रकार का कुप्रभाव नहीं पड़ता|
आयुर्वेद में रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने पर बल दिया जाता है ताकि किसी भी प्रकार का रोग न हो|
आयुर्वेद एंव योग (Yoga) से असाध्य रोगों का सफल उपचार किया जाता है एंव वे रोग भी ठीक हो सकते है जिनका अन्य चिकित्सा पद्धतियों में कोई उपचार संभव नहीं है|
Bahut achhi khabar laga..
nice information about Ayurveda is shared above
Gagar may sagar
Good
Very Nice
aaurved ke baare me sab jante hi thoda bahut viswas bhi karte hi par jivan me upyog bahut kam log krte hi achchi jankari di is lekh ke dwara
nic collection
Ayurveda is the best medicine
Really very nice information
keep it up good work