संदीप माहेश्वरी एक लोकप्रिय प्रेरक वक्ता और सफल उद्यमी है| वे अपने लाइफ चेंजिंग (Life Changing Seminar) सेमीनार के द्वारा लोगों के जीवन में परिवर्तन ला रहे है| आज हम हैप्पीहिंदी.कॉम पर उनके “The Unstoppable” सेमिनार में कहीं गयी शानदार प्रेरक कहानी प्रकाशित कर रहे है –
Inspirational Moral Story – Sandeep Maheshwari
“You are Unstoppable”
एक गाँव में दो लड़के रहते थे जिसमें से एक की उम्र 12 वर्ष तथा दूसरे की उम्र 9 वर्ष थी| उनके बीच में गहरी दोस्ती थी|
एक बार वे दोनों खेलते-खेलते जंगल की तरफ चले गए| तभी उनमें से बड़ा वाला लड़का जिसकी उम्र 12 वर्ष थी, वह एक कुँए में गिर गया| वह जोर-जोर से चिल्लाने लगा लेकिन उसको बचाने के लिए उसके 9 वर्ष के मित्र के आलावा आस-पास कोई नहीं था|
छोटे वाले लड़के ने मदद मांगने के लिए इधर-उधर देखा लेकिन वहां पर कोई नजर नहीं आ रहा था| तभी उस छोटे लड़के को एक रस्सी से बंधी बाल्टी दिखाई दी| उसने जल्दी से उस बाल्टी को कुँए में फेंका और अपने दोस्त को कहा कि वह उस बाल्टी को पकड़ ले|
वह अपने दोस्त को बचाने के लिए रस्सी को खेंच रहा था लेकिन ज्यादा वजन होने के कारण उसका दोस्त ऊपर नहीं आ पा रहा था| लेकिन उसने बार-बार प्रयास किए और पूरा दम लगाकर आखिरकार अपने दोस्त को कुँए से बाहर निकाल ही लिया|
वे दोनों रो रहे थे, लेकिन खुश थे|
वे गाँव की तरह जाने लगे लेकिन वे डर रहे थे कि घर जाकर क्या कहेंगे|
जब वे गाँव गए और उन्होंने अपने घर वालों को सारी बात बताई, तो किसी ने भी उनकी बात पर विश्वास नहीं किया| सब लोग यही कह रहे थे कि एक 9 वर्ष का बच्चा, एक 12 वर्ष के बच्चे को कुँए में से खींचकर कैसे बाहर निकाल सकता है, यह असंभव है|
तभी वे लोग एक बुजुर्ग के पास गए, जो कि गाँव के सबसे बुद्धिमान व्यक्ति माने जाते थे| उन्होंने बुजुर्ग को सारी बात बताई और कहा कि एक 9 वर्ष का छोटा सा बच्चा, 12 वर्ष के बच्चे को कुँए में खींचकर कैसे बाहर निकाल सकता है|
बुजुर्ग ने हँसते हुए कहा – आसान है, बड़े लड़के ने बाल्टी को पकड़ा और छोटे लड़के ने रस्सी खेंचकर उसे बाहर निकाल दिया|
सारे लोग उस बुजुर्ग की तरफ देखने लग गए|
बुजुर्ग ने कहा – सवाल यह नहीं है कि वह छोटा सा बच्चा यह कैसे कर पाया बल्कि सवाल यह है कि वह छोटा सा बच्चा यह क्यों कर पाया – उसके अन्दर इतनी शक्ति कहाँ से आई?
बुजुर्ग ने कहा – यह 9 वर्ष का छोटा सा बच्चा, एक 12 वर्ष के लड़के को कुँए में से खींचकर इसलिए बाहर निकाल पाया क्योंकि उस समय पर इस बच्चे को कोई भी यह कहने वाला नहीं था कि “तू यह नहीं कर सकता”, यहाँ तक कि वह खुद भी नहीं|
वह बच्चा यह कार्य इसलिए कर पाया क्योंकि उसने दूसरों की नकारात्मकता को नहीं सुना यहाँ तक कि खुद की भी|