Secrets of Effective Communication Skills – अच्छे वार्तालाप के आठ रहस्य


communication skills kaise improve kare

Communication (वार्तालाप) एक ऐसा हुनर है, जिसके माध्यम से किसी भी व्यक्ति के विचार, विवेक और किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व का पता चलता है| चाहे व्यवसाय हो, नौकरी हो या कोई अन्य क्षेत्र, Effective Communication Skills (प्रभावी संप्रेषण की कला) को सफलता के लिए अति-महत्वपूर्ण माना जाता है|

कई लोगों द्वारा बहुत अधिक मेहनत करने के बावजूद सफलता प्राप्त न करने का मुख्य कारण, सही Communication Skills का आभाव होता है|

University of Chicago Booth School of Business द्वारा किये गए एक शोध में बहुत ही चौकाने वाला निष्कर्ष सामने आया| शोधकर्ताओं ने पाया कि हम अनजान लोगों से, जान-पहचान वाले लोगों की तुलना में ज्यादा सही तरीके से बात कर पाते है| क्योंकि हमे लगता है की जिन्हें हम भली भाति जानते है वो समझ गए कि हम क्या समझाना चाहते है इसलिए हम अधिक प्रयास नहीं करते| और जिनसे हम कभी नहीं मिले उन्हें हम अपनी बात समझाने का पूर्ण प्रयास करते हैं|

बेहतर वार्तालाप करना ही एक बेहतर नेतृत्व की गुणवत्ता है और बिना अपनी बात समझाए अथवा बिना अच्छा संप्रेषक बने कोई भी व्यक्ति अच्छा लीडर नहीं बन सकता|

How to Improve Communication Skills (Hindi)

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एक समूह को एक व्यक्ति समझे:

अगर आप एक लीडर हैं, तो अधिकांश समय आपको एक समूह के समक्ष अपने विचार व्यक्त करने पड़ते है| वह समूह छोटा भी हो सकता है और काफी बड़ा भी| एक बेहतर लीडर का गुण होता है कि जब वह समूह में बात करे, तो समूह के हर एक व्यक्ति तक बात उसी तरह पहुचनी चाहिए जैसे कि किसी को व्यक्तिगत निर्देश दिया जा रहा है| एक अच्छा वक्ता अपनी वक्तव्य कला से हर श्रोता को अपनी बातो से इस तरह आकर्षित करता है कि हर श्रोता को ऐसा लगता है कि उनसे प्रत्यक्ष रूप से बात हो रही है|

आत्म विश्लेषण

किसी भी भाव को अपने श्रोताओ को व्यक्त करने से पहले उसे खुद समझे और तय करे की क्या ये सटीक भाव और लाइन है, जो आप अपने श्रोताओ को समझाना चाहते हैं| बिना बैचेनी के कुछ समय का वक़्त लेकर शांति से अपने विचार व्यक्त को समझें|

हास्य और उत्साहपूर्ण वार्तालाप

एक अच्छे संप्रेषक (Communicator) को अपने श्रोता या श्रोताओं तक निरंतर रूप से अपनी बात पहुँचाने के लिए बीच बीच में हास्यपूर्ण विचार भी व्यक्त करने होंगे| आपको अपनी बातो में आत्मविश्वास और उत्साह दिखाना होगा, तभी श्रोता अंत तक आपके विचार को उसी उत्साह के साथ सुनेंगे और समझेंगे जितना कि वे शुरुआत में थे|

श्रोताओ को प्रतिक्रिया का मौका

अपने विचार व्यक्त करने के पश्चात अच्छे सम्प्रेषक को, श्रोता के विचारों को ध्यान से सुनना चाहिए और या उनके मन में चल रहे प्रश्नों का भी उत्तर देना चाहिए| अगर श्रोता न पूछे तो अपनी बात ख़त्म करने के पश्चात खुद श्रोता से प्रतिक्रिया देने के लिए बोलना चाहिए !

अनुमान न लगाए

अच्छे संप्रेषक (Great Communicator) का एक गुण  है कि वह अनुमान नहीं लगाता  कि श्रोता क्या सोच रहा है| अगर कोई दुविधा हो तो संप्रेषक, श्रोता  से प्रश्न पूछता है और उन्हें अपना मत रखने का अवसर हमेशा देता है|

वही बोले जो आप एक श्रोता होकर सुनना चाहते है

ऐसा करने से आप बहुत ही सटीक तरीके से बोलने लगोगे, बस सोचिये कि अगर आप किसी श्रोता की जगह होते तो एक संप्रेषक से क्या और कैसे सुनना पसंद करते| आपकी आधी दिक्कत तो इसी में दूर हो जाएगी!

श्रोता के हाव भाव

बहुत बार श्रोता न चाहते हुए भी उस बात के लिए हाँ कह देते है, जो उन्हें समझ नहीं आती क्योंकि हो सकता है वो आपसे उतने सहज नहीं हो| इस परिस्थिति को सँभालने के लिए आपको श्रोता के मुख के हाव भाव को समझना आना चाहिए| हाव भाव समझने से आप बेहतर तरीके से समझ पाएंगे कि क्या श्रोता तक आपके विचार पहुचे या नहीं!

बोलने और सुनने का अभ्यास

अभ्यास ही एकमात्र बेहतर से और भी बेहतर बनने का तरीका है | अच्छा संप्रेषक बनने के लिए पहले अच्छा श्रोता होना बेहद जरूरी है| ज्यादातर लोग बातों को सुनते है, लेकिन ध्यान से समझते नहीं है| इसके लिए जरूरी है कि सबसे पहले आप एक अच्छे श्रोता बनने का अभ्यास करें और उसके एक अच्छे वक्ता बनने का|


अभिषेक राजस्थान से हैं और वे हैप्पीहिंदी.कॉम पर बिज़नेस, इन्वेस्टमेंट और पर्सनल फाइनेंस के विषयों पर पिछले 4 वर्षों से लिख रहे हैं| उनसे [email protected] पर संपर्क किया जा सकता हैं|

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